“अमृतसर से लेकर जम्मू और पठानकोट से भुज तक…”
जब पाकिस्तान ने भारत के 15 शहरों पर हवाई हमले की साजिश रची, तब भारत के पास एक ऐसा कवच था, जिसने इन हमलों को हवा में ही खत्म कर दिया — S-400 एयर डिफेंस सिस्टम। इसे अब भारत का “सुदर्शन कवच” कहा जा रहा है, जो भगवान विष्णु के अजेय सुदर्शन चक्र की तरह काम करता है।
इस घटना ने न केवल भारत की वायु सुरक्षा क्षमता को दुनिया के सामने रखा, बल्कि ये भी साफ कर दिया कि भारत और पाकिस्तान की एयर डिफेंस तकनीक में कितना अंतर है।
ऑपरेशन सिंदूर-1 और S-400 की ताकत
कुछ ही समय पहले ऑपरेशन सिंदूर-1 में भारत ने पाकिस्तान और POK के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। इस मिशन में हैमर, स्कैल्प और अन्य प्रिसिजन गाइडेड वेपन्स का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन असली हीरो S-400 था, जिसने भारतीय फाइटर जेट्स को दुश्मन की ओर से होने वाले किसी भी जवाबी हमले से सुरक्षित रखा।
अब जब पाकिस्तान ने एक बार फिर हमलों की कोशिश की, तो S-400 ने अपने रडार पर हर दुश्मन ड्रोन और मिसाइल को पकड़कर उन्हें हवा में ही नष्ट कर दिया। देश के किसी भी शहर को एक खरोंच तक नहीं आई।
HQ-9 vs S-400: कौन है असली ‘Game Changer’?
अब सवाल उठता है — पाकिस्तान का HQ-9 ज्यादा ताकतवर है या भारत का S-400?
1. तकनीकी शुरुआत में कौन आगे?
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HQ-9: चीन का बनाया हुआ सिस्टम है, जिसकी शुरुआत 2001 में हुई।
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S-400: रूस का अत्याधुनिक सिस्टम है, जिसे 2007 में विकसित किया गया।
➡️ साफ है कि S-400 नया और ज्यादा आधुनिक टेक्नोलॉजी से लैस है।
2. रेंज में कौन दमदार?
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HQ-9:
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HQ-9: 120 किमी
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HQ-9A: 200 किमी
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HQ-9B: 250–300 किमी
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S-400:
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40 किमी, 120 किमी, 250 किमी और 400 किलोमीटर तक की रेंज
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➡️ S-400 की रेंज हर मामले में HQ-9 से कहीं ज्यादा है।
3. मिसाइल की स्पीड में कौन तेज?
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HQ-9: मैक 4+ (लगभग 4900+ किमी/घंटा)
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S-400:
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40 किमी रेंज: 3185 किमी/घंटा
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120 किमी रेंज: 3675 किमी/घंटा
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250 किमी रेंज: 7285 किमी/घंटा
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400 किमी रेंज: 17,287 किमी/घंटा
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➡️ S-400 की लांग रेंज मिसाइल दुश्मन को बिजली की रफ्तार से तबाह कर सकती है।
4. ऊंचाई तक पहुंच कौन बना सकता है?
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HQ-9: 12–50 किलोमीटर तक
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S-400: 20–60 किलोमीटर की ऊंचाई तक
➡️ यानी S-400 इतनी ऊंचाई तक मार करता है जहां से दुश्मन की मिसाइल कभी लौट नहीं पाती।
5. वॉरहेड कैपेसिटी (वजन)
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HQ-9: 180 किलोग्राम
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S-400: 24 किग्रा (शॉर्ट रेंज) और 180 किग्रा (लॉन्ग रेंज)
➡️ S-400 बहुउद्देश्यीय है — कम दूरी पर तेज, लंबी दूरी पर भारी मार।
6. कितने टारगेट्स पर एक साथ हमला?
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HQ-9: इस पर पब्लिक डोमेन में डेटा नहीं
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S-400: एक साथ 80 टारगेट्स को डिटेक्ट और प्रत्येक पर दो मिसाइलें दागने की क्षमता
➡️ दुश्मन की सेना को यह अहसास तक नहीं होता कि कब उसकी मिसाइलें आसमान में गायब हो गईं।
7. कौन-कौन से टारगेट्स को मार सकता है?
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S-400:
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स्ट्रैटेजिक बॉम्बर्स (B-1, B-52)
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इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर प्लेन
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निगरानी विमान
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फाइटर जेट्स
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क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलें
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➡️ HQ-9 की इस स्तर की डिटेल अभी तक ओपन सोर्स में मौजूद नहीं है।
निष्कर्ष: क्यों S-400 बना भारत का असली ‘सुदर्शन कवच’
S-400 सिर्फ एक एयर डिफेंस सिस्टम नहीं है, ये एक रणनीतिक ढाल है जो भारत को दुश्मन की हर कोशिश से पहले ही अलर्ट करता है और हर खतरे को जड़ से खत्म कर देता है।
जहां पाकिस्तान का HQ-9 खुद चीन पर निर्भर है, वहीं भारत का S-400 रूस के भरोसेमंद सहयोग से हासिल किया गया एक ऐसा हथियार है, जिसने भारत की वायु रक्षा को एक नया आयाम दिया है।
S-400 के रहते, भारत की सीमाएं नहीं, उसके आसमान तक अब अजेय हैं।
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