Nagpur Violence: 17 मार्च को नागपुर में हुए दंगे ने पूरे देश का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर हुई हिंसा में अब तक 84 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं, जिसमें विश्व हिंदू परिषद (VHP) के 8 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। इस मामले में मास्टरमाइंड बताए जा रहे फहीम खान समेत 6 लोगों पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का दावा है कि इस हिंसा के पीछे बांग्लादेश कनेक्शन भी है।
कैसे भड़की नागपुर हिंसा (Nagpur Violence)?
घटना की शुरुआत 17 मार्च को उस समय हुई जब विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने औरंगजेब की प्रतीकात्मक कब्र जलाने का प्रदर्शन किया। उन्होंने गोबर के कंडों से ढकी एक हरे रंग की चादर को जलाया, जिसे कथित तौर पर औरंगजेब की कब्र का प्रतीक माना गया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिससे शहर के कुछ इलाकों में तनाव फैल गया।
शाम होते-होते महल इलाके में हिंसा भड़क गई। पथराव, आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं सामने आईं। कई घरों पर हमला किया गया और सड़क पर खड़े वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस पर भी हमला किया गया, जिसमें DCP रैंक के तीन अधिकारी घायल हो गए। हालात को काबू में लाने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले दागने पड़े।
नागपुर हिंसा (Nagpur Violence) में फहीम खान का रोल और बांग्लादेश कनेक्शन
पुलिस जांच में सामने आया कि फहीम खान ने एक भड़काऊ वीडियो एडिट किया था, जिसमें औरंगजेब के खिलाफ प्रदर्शन को गलत तरीके से दिखाया गया। इस वीडियो को वायरल कर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की गई।
साइबर सेल ने 34 सोशल मीडिया अकाउंट्स पर कार्रवाई की और 10 एफआईआर दर्ज की। पुलिस का दावा है कि हिंसा भड़काने में बांग्लादेशी लिंक की भी पुष्टि हुई है। हिंसा से जुड़े कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स विदेश से ऑपरेट हो रहे थे, जिससे अंतरराष्ट्रीय साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सत्ता पक्ष और विपक्ष आमने-सामने
इस हिंसा को लेकर राजनीति भी तेज हो गई है। महाराष्ट्र विधानसभा में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जलाई गई चादर पर कुरान की आयत नहीं थी, बल्कि यह अफवाह थी जिसे जानबूझकर फैलाया गया। वहीं, कांग्रेस ने घटना की जांच के लिए 5 सदस्यीय कमेटी गठित कर दी है।
सपा नेता अबू आजमी भी इस विवाद में घिर गए, जब उन्होंने औरंगजेब को क्रूर शासक मानने से इनकार किया। उनके इस बयान के बाद महाराष्ट्र विधानसभा ने उन्हें पूरे बजट सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। इस पर यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि ऐसे लोगों का ‘इलाज’ यूपी में कर दिया जाता है।
औरंगजेब की कब्र पर उठे सवाल
इस विवाद के बीच भाजपा सांसद उदयनराजे भोंसले ने औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग की। उन्होंने कहा कि एक JCB भेजकर इसे गिरा देना चाहिए क्योंकि औरंगजेब भारत के इतिहास में एक लुटेरा और आक्रांता था। मुख्यमंत्री फडणवीस ने भी इस मांग का समर्थन किया। वहीं, शिवसेना (उद्धव गुट) के नेता संजय राउत ने कहा कि औरंगजेब की कब्र मराठाओं के शौर्य का प्रतीक है और इसे हटाना सही नहीं होगा।
अब आगे क्या?
#WATCH | Nagpur, Maharastra: On the role of accused Faheem Khan in Nagpur violence, Cyber DCP Lohit Matani says, “He edited and circulated the video of the protest against Aurangzeb and due to which the riots spread. He also glorified violent videos…”
The DCP further said,… pic.twitter.com/xBux5lmmRb
— ANI (@ANI) March 20, 2025
नागपुर में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं। पुलिस ने 19 आरोपियों को 21 मार्च तक कस्टडी में भेज दिया है, जबकि हिंसा प्रभावित इलाकों से कर्फ्यू हटा लिया गया है। प्रशासन की ओर से सख्त कार्रवाई की जा रही है और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।
यह हिंसा एक बार फिर यह दिखाती है कि सोशल मीडिया पर फैलाई गई अफवाहें कैसे बड़े पैमाने पर दंगे भड़का सकती हैं। अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस घटना से क्या सबक लेते हैं और भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या कदम उठाते हैं।