संभल में होली पर विशेष सतर्कता: मस्जिदों पर तिरपाल, जुमे की नमाज का बदला समय, 1015 लोगों पर पाबंदी

Sambhal News

Sambhal News: होली का पर्व रंगों और उल्लास का प्रतीक है, लेकिन इस बार यह शुक्रवार को पड़ने के कारण संभल में सुरक्षा को लेकर प्रशासन पूरी तरह सतर्क हो गया है। त्योहार के मद्देनजर शहर में खास इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई अप्रिय घटना न हो और सभी समुदाय शांतिपूर्ण तरीके से अपने-अपने धार्मिक रीति-रिवाजों का पालन कर सकें।

होली और जुमे की नमाज को लेकर विशेष निर्णय

शहर में शाही जामा मस्जिद सहित 10 मस्जिदें ऐसी हैं, जो होली जुलूस मार्ग पर स्थित हैं। इसे ध्यान में रखते हुए प्रशासन और स्थानीय समुदायों ने मिलकर मस्जिदों को तिरपाल से ढकने का निर्णय लिया है। यह कदम वर्षों से चला आ रहा है और इसे शांति व्यवस्था बनाए रखने के उद्देश्य से किया जाता है।

इसके साथ ही जुमे की नमाज का समय बदलकर दोपहर 2:30 बजे कर दिया गया है। यह निर्णय प्रशासन और मुस्लिम समुदाय की बैठक के बाद लिया गया, ताकि होली जुलूस और नमाज के समय में टकराव न हो और सभी लोग अपने-अपने त्योहार को शांति से मना सकें।

Sambhal News: सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

प्रशासन ने 1015 लोगों को पाबंद किया है, जो पहले किसी न किसी विवाद या शांति भंग की घटनाओं में संलिप्त रहे हैं। यह कदम एहतियात के तौर पर उठाया गया है ताकि किसी भी अप्रिय स्थिति को रोका जा सके। इसके अलावा, नगर क्षेत्र में 13 और सरायतरीन क्षेत्र में 8 मस्जिदों पर लेखपालों की तैनाती की गई है।

सामाजिक सौहार्द्र बनाए रखने की अपील

शाही जामा मस्जिद के सदर जफर अली एडवोकेट ने कहा कि मुस्लिम समुदाय के लोग समय पर नमाज अदा करें, जबकि हिंदू समुदाय के लोग होली का पर्व पूरी स्वतंत्रता और उल्लास के साथ मनाएं। उन्होंने अपील की कि मुस्लिम समुदाय के लोग अपने बच्चों को उन रास्तों पर न भेजें, जहां से होली का जुलूस गुजरता है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके।

होली पर सख्त निगरानी और पुलिस की तैनाती

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प्रशासन ने 49 अतिसंवेदनशील स्थानों की पहचान कर वहां पुलिस और पीएसी बल तैनात किए हैं। खुफिया विभाग भी सतर्क रहेगा, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी को समय रहते रोका जा सके। पुलिस ने यह भी चेतावनी दी है कि जबरन रंग डालने, हुड़दंग करने या माहौल खराब करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Sambhal News: समाज की एकता की मिसाल

संभल में होली और जुमे की नमाज को लेकर लिया गया यह निर्णय एकता और सौहार्द्र की मिसाल पेश करता है। प्रशासन और स्थानीय समुदायों की सूझबूझ से यह सुनिश्चित किया गया है कि दोनों धर्मों के लोग बिना किसी बाधा के अपने त्योहारों को मना सकें।

होली रंगों का पर्व है और इसे भाईचारे के साथ मनाना चाहिए। सभी से अपील है कि आपसी सौहार्द्र बनाए रखें और इस रंग-बिरंगे त्योहार को प्रेम और शांति के साथ मनाएं।

 

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