भारतीय सेना की एक और साहसिक कार्रवाई—ऑपरेशन सिंदूर—ने एक बार फिर देश को गौरवान्वित कर दिया है। पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को तबाह करने के बाद, पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके तहत केंद्र सरकार के निर्देश पर भारत के विभिन्न हिस्सों में व्यापक मॉक ड्रिल का आयोजन किया जा रहा है, ताकि आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों और सुरक्षा एजेंसियों की तैयारियों की जांच की जा सके।
🔺 क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
मंगलवार देर रात को भारतीय सेना ने गुप्त रूप से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को अंजाम दिया। इस सर्जिकल स्ट्राइक में कुल 9 आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाकर पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया। इस सफलता के बाद सरकार ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में बड़ी उपलब्धि बताया और नागरिक सुरक्षा तंत्र को तुरंत सक्रिय कर दिया गया।
🔊 देशभर में मॉक ड्रिल: तैयारियों की असली परीक्षा
गृह मंत्रालय के निर्देश पर बुधवार को पूरे देश में मॉक ड्रिल की गई, जिसमें लगभग 300 संवेदनशील जिलों को शामिल किया गया। ये जिले उन क्षेत्रों में आते हैं जहां परमाणु संयंत्र, सैन्य ठिकाने, रिफाइनरी और जलविद्युत परियोजनाएं स्थित हैं।
मॉक ड्रिल के दौरान:
-
हवाई हमलों की चेतावनी देने वाले सायरन बजाए गए।
-
नागरिकों को जमीन पर लेटने और कान ढकने जैसी सुरक्षा विधियों की जानकारी दी गई।
-
बंकर और खंदकों की सफाई करवाई गई।
-
मेडिकल इमरजेंसी और आगजनी जैसी स्थितियों में तत्काल रेस्पॉन्स की प्रक्रिया का अभ्यास हुआ।
🏙️ दिल्ली और मुंबई में दृश्य कुछ अलग थे
दिल्ली में कुल 55 स्थानों—जैसे कनॉट प्लेस, खान मार्केट, और चांदनी चौक—पर मॉक ड्रिल हुई। इसमें लोगों को बताया गया कि यदि हवाई हमला होता है तो कैसे खुद को सुरक्षित करना चाहिए। भीड़भाड़ वाले इलाकों में आग, भगदड़ और रेस्क्यू ऑपरेशन जैसे सीन को भी दर्शाया गया।
मुंबई के क्रॉस मैदान में ड्रिल के दौरान सायरन बजते ही लोग वहीं ज़मीन पर लेट गए और कान बंद कर लिए। घायलों को फर्स्ट एड देने की ट्रेनिंग भी दी गई। यहां सुरक्षा एजेंसियों, मेडिकल स्टाफ और नागरिकों का तालमेल देखते ही बनता था।
🌌 हरियाणा में ‘ऑपरेशन ब्लैकआउट’
हरियाणा ने इस ड्रिल को एक कदम आगे ले जाकर शाम 7:50 से 8:00 बजे तक ब्लैकआउट अभ्यास किया। यानी दस मिनट के लिए लोगों को घर की सभी लाइटें बंद रखने का अनुरोध किया गया। राज्य के सभी 22 जिलों में एक साथ मॉक ड्रिल हुई, जिसकी निगरानी खुद मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी ने की।
🛡️ तैयारी का यह तरीका क्यों जरूरी है?
आज जब सीमाएं केवल भौगोलिक नहीं, बल्कि साइबर और हाइब्रिड युद्ध तक फैल गई हैं, ऐसे में मॉक ड्रिल न सिर्फ हमारी तैयारियों को परखती हैं, बल्कि नागरिकों में जागरूकता भी बढ़ाती हैं। सुरक्षा किसी एक संस्था की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी की साझा जिम्मेदारी है।
📝 निष्कर्ष
‘ऑपरेशन सिंदूर’ एक सैन्य सफलता जरूर है, लेकिन इसके बाद जो सबसे अहम संदेश देश को मिला वह है—तैयारी। मॉक ड्रिल के ज़रिए भारत सरकार और सुरक्षा एजेंसियां यह सुनिश्चित करना चाहती हैं कि किसी भी आपातकालीन स्थिति में देश का हर नागरिक सतर्क और सुरक्षित रह सके।
आपके इलाके में भी मॉक ड्रिल हो रही है? तो इसका हिस्सा बनें, सीखें और दूसरों को भी जागरूक करें। क्योंकि सुरक्षित भारत, सक्षम भारत है।
📢 अपने सुझाव या अनुभव हमें info@kprnewslive.com पर भेजें।
🌐 और ऐसी ही खास खबरों के लिए जुड़ें: