गुकेश डोम्माराजू की ऐतिहासिक जीत: 18 की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन और 20 करोड़ की नेटवर्थ

gukesh dommaraju

Gukesh Dommaraju ने शतरंज की दुनिया में भारत का नाम एक बार फिर ऊंचा कर दिया है। उन्होंने 18 साल की उम्र में वर्ल्ड चेस चैंपियन बनकर इतिहास रच दिया। उनके नाम पर न केवल यह प्रतिष्ठित खिताब दर्ज हुआ, बल्कि उनकी नेटवर्थ भी 20 करोड़ से अधिक हो गई है। उनके इस अभूतपूर्व सफर ने शतरंज के प्रति युवाओं के रुझान को और मजबूत कर दिया है। आइए जानते हैं इस युवा ग्रैंडमास्टर की सफलता की कहानी और उनकी अद्भुत यात्रा के बारे में।

गुकेश की जीत और नेटवर्थ:

गुकेश ने चीन के अनुभवी खिलाड़ी डिंग लिरेन को हराकर 14 बाजियों में 7.5-6.5 से वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप जीती। इस जीत ने उन्हें भारत के दूसरे विश्व चैंपियन का खिताब दिलाया, जो विश्वनाथन आनंद के बाद अब तक कोई हासिल नहीं कर पाया था। इस ऐतिहासिक जीत के साथ, गुकेश को प्राइज मनी के रूप में 11.45 करोड़ रुपये मिले, जिससे उनकी कुल संपत्ति 20 करोड़ से अधिक हो गई।
उनकी नेटवर्थ में यह उछाल सिर्फ उनकी चेस प्राइज मनी से नहीं, बल्कि ब्रांड एंडोर्समेंट्स से भी हुआ है। उन्होंने चेस की दुनिया में अपने टैलेंट से आर्थिक मोर्चे पर भी सफलता प्राप्त की है।

2024 में गुकेश की खिताबी हैट्रिक:

2024 गुकेश के करियर का सबसे महत्वपूर्ण साल रहा। उन्होंने इस साल तीन बड़े खिताब अपने नाम किए:

  1. वर्ल्ड चैंपियनशिप कैंडिडेट्स टूर्नामेंट: गुकेश ने अप्रैल में यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट जीता और सबसे कम उम्र में कैंडिडेट्स जीतने वाले खिलाड़ी बन गए।
  2. चेस ओलंपियाड में भारतीय टीम का हिस्सा: सितंबर में बुडापेस्ट में हुए चेस ओलंपियाड में भारतीय टीम ने गोल्ड मेडल जीता और गुकेश ने बोर्ड 1 पर व्यक्तिगत गोल्ड मेडल भी हासिल किया।
  3. वर्ल्ड चैंपियनशिप: दिसंबर में वर्ल्ड चैंपियनशिप जीतकर उन्होंने अपने साल का समापन शानदार तरीके से किया। यह उनकी 2024 में तीसरी बड़ी जीत थी, जिससे उन्होंने खिताबी हैट्रिक बनाई।

रिकॉर्ड तोड़ने वाली जीत:

गुकेश की जीत केवल खिताब तक सीमित नहीं थी। उन्होंने 22 साल की उम्र में वर्ल्ड चैंपियन बनने वाले महान रूसी ग्रैंडमास्टर गैरी कास्परोव के रिकॉर्ड को भी तोड़ दिया। इस उपलब्धि ने उन्हें विश्व शतरंज के सबसे चमकते सितारों में से एक बना दिया है। वह अब न केवल भारत में, बल्कि पूरे विश्व में चेस प्रेमियों के लिए प्रेरणा बन चुके हैं।

गुकेश का शुरुआती सफर:

गुकेश का जन्म 29 मई, 2006 को चेन्नई के एक तेलुगु परिवार में हुआ था। उनके पिता डॉ. रजनकांत कान, नाक और गले के सर्जन हैं, जबकि उनकी मां पद्मा माइक्रोबायोलॉजिस्ट हैं। गुकेश ने महज सात साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। 2015 में उन्होंने अंडर-9 स्टेज पर एशियन स्कूली शतरंज चैंपियनशिप जीतकर पहली बार सुर्खियां बटोरीं। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर कभी नहीं देखा और अपनी मेहनत और प्रतिभा से शतरंज की दुनिया में पहचान बनाई।

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गुकेश की सफलता के पीछे का योगदान:

गुकेश की सफलता में न केवल उनकी कड़ी मेहनत का योगदान है, बल्कि उनके मेंटर और भारत के पूर्व वर्ल्ड चैंपियन विश्वनाथन आनंद का मार्गदर्शन भी महत्वपूर्ण रहा है। आनंद की अकादमी से प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले गुकेश ने अपनी खेल शैली को निखारा और उन्हें शतरंज की बारीकियों को समझने में मदद मिली।
गुकेश की इस शानदार जीत ने उन्हें न केवल आर्थिक रूप से समृद्ध किया, बल्कि उन्हें एक युवा आइकन बना दिया है। उनकी सफलता से न केवल भारत में शतरंज की लोकप्रियता बढ़ेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ी के खिलाड़ियों को भी प्रेरणा मिलेगी।

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