महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य में बड़ा घटनाक्रम देखने को मिला, जब राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री Dhananjay Munde ने मंगलवार को महाराष्ट्र कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। यह इस्तीफा सरपंच संतोष देशमुख की हत्या के मामले से जुड़ा हुआ है, जिसमें मुंडे के करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड आरोपी बनाए गए हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए मुंडे से इस्तीफा देने का आग्रह किया, जिसे उन्होंने स्वीकार करते हुए अपना पद छोड़ दिया।
Dhananjay Munde का इस्तीफा और राजनीतिक असर
मंत्री धनंजय मुंडे ने मुझे अपना इस्तीफा सौंप दिया है और मैंने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है…
(मीडिया से संवाद | विधानभवन, मुंबई | 4-3-2025)#Maharashtra #MaharashtraPolitics pic.twitter.com/knrskUziA2
— Devendra Fadnavis (@Dev_Fadnavis) March 4, 2025
धनंजय मुंडे, जो कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के विधायक हैं, बीड जिले के परली से आते हैं। इससे पहले वे बीड के संरक्षक मंत्री भी रह चुके हैं। वर्तमान में, राकांपा के प्रमुख नेता अजित पवार पुणे और बीड दोनों जिलों के संरक्षक मंत्री के रूप में कार्यरत हैं। मुंडे ने अपने इस्तीफे के बाद एक ट्वीट के जरिए जनता के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा कि वह संतोष देशमुख की हत्या के मामले में पूरी तरह न्याय चाहते हैं और इस मामले में किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाना चाहिए।
धनंजय मुंडे ने आगे कहा कि उनकी तबीयत भी पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रही है और डॉक्टरों ने उन्हें इलाज कराने की सलाह दी है। चिकित्सा कारणों के चलते उन्होंने मुख्यमंत्री को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उनके इस्तीफे को स्वीकार करते हुए उसे राज्यपाल के पास भेजने की पुष्टि की है।
संतोष देशमुख हत्याकांड: पृष्ठभूमि
संतोष देशमुख, जो बीड जिले के मासाजोग गांव के सरपंच थे, की पिछले साल दिसंबर में निर्मम हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि उन्होंने जिले में एक ऊर्जा कंपनी के खिलाफ जबरन वसूली के प्रयास को रोकने की कोशिश की थी, जिसके कारण उन्हें अगवा किया गया, प्रताड़ित किया गया, और अंततः उनकी हत्या कर दी गई। इस मामले में बीड के केज थाने में हत्या, वसूली की कोशिश, और सुरक्षा गार्ड पर हमले के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे।
CID की जांच और Dhananjay Munde के सहयोगी पर आरोप
महाराष्ट्र राज्य अपराध अन्वेषण विभाग (CID) ने 27 फरवरी को संतोष देशमुख की हत्या से जुड़े तीन मामलों में 1,200 से अधिक पन्नों का आरोपपत्र बीड जिले की अदालत में दाखिल किया। इस आरोपपत्र में वाल्मिक कराड को मुख्य आरोपी बताया गया है। कराड, जो कि धनंजय मुंडे के करीबी माने जाते हैं, के खिलाफ महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया है और एक आरोपी अभी भी फरार है।
अजित पवार की फडणवीस से मुलाकात
इस पूरे घटनाक्रम के बीच, उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सोमवार रात मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की। इस मुलाकात में उन्होंने देशमुख हत्या मामले की जांच और CID द्वारा दायर आरोपपत्र पर चर्चा की। इस मामले में दो अन्य मामलों की जांच भी की जा रही है, जिनमें कराड को आरोपी नंबर एक बनाया गया है।
सियासी भविष्य पर सवाल
धनंजय मुंडे का इस्तीफा न केवल राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा रहा है, बल्कि यह सवाल भी खड़े कर रहा है कि मुंडे का सियासी भविष्य क्या होगा। जहां एक ओर मुंडे ने अपने स्वास्थ्य और न्याय की मांग को इस्तीफे का कारण बताया है, वहीं दूसरी ओर उनके विरोधी इसे उनके राजनीतिक करियर पर बड़ा धक्का मान रहे हैं। इस घटनाक्रम से महाराष्ट्र की राजनीति में नई चुनौतियां उभर सकती हैं, खासकर राकांपा के लिए, जो पहले से ही राज्य में सत्ता संतुलन बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही है।
निष्कर्ष
धनंजय मुंडे के इस्तीफे से एक बार फिर यह स्पष्ट हो गया है कि जब भी कोई बड़ा राजनीतिक या आपराधिक मामला सामने आता है, तो उसका असर केवल एक व्यक्ति तक सीमित नहीं रहता, बल्कि पूरे राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करता है। संतोष देशमुख हत्या मामले में न्याय की मांग के बीच, यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में और क्या बदलाव होते हैं और राकांपा और बीजेपी के संबंध किस दिशा में जाते हैं।