Delhi Election 2025: केजरीवाल का चुनाव आयुक्त, अमित शाह और नायब सैनी पर करारा प्रहार

Delhi Election 2025

जैसे-जैसे Delhi Election 2025 नज़दीक आ रहे हैं, राजनीतिक माहौल गरमा रहा है, और अब यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता को लेकर विवाद छिड़ गया है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने न केवल भारतीय जनता पार्टी (BJP) बल्कि चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर भी तीखे हमले किए हैं।

यमुना का पानी: केजरीवाल का चुनौतीपूर्ण बयान

यह विवाद तब शुरू हुआ जब यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा काफी बढ़ गई। केजरीवाल ने हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी पर आरोप लगाते हुए कहा कि हरियाणा सरकार की लापरवाही के कारण यमुना में दूषित पानी छोड़ा जा रहा है, जो दिल्ली की जल आपूर्ति को प्रभावित कर रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने कई बार हरियाणा के सीएम से संपर्क किया, लेकिन कोई सुधार नहीं हुआ। इसके बाद नायब सैनी ने फोन उठाना बंद कर दिया, और केजरीवाल को सार्वजनिक रूप से बयान देना पड़ा।

केजरीवाल ने नायब सैनी पर तंज कसते हुए कहा, “उन्होंने हाल ही में यमुना का पानी पीने का नाटक किया, लेकिन वास्तव में पानी नहीं पिया। शायद पानी में बदबू आ रही थी, इसलिए वो इसे पी नहीं पाए।”

चुनाव आयुक्त पर पक्षपात का आरोप – Delhi Election 2025

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केजरीवाल ने बीजेपी पर हमला करने के साथ-साथ चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पर भी पक्षपात का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग भाजपा के पक्ष में काम कर रहा है और उनकी पार्टी के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर रहा है। केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयुक्त को चुनावी प्रचार के दौरान किए गए उपहार वितरण, चादरें और पैसे बांटने जैसे उल्लंघन नज़र नहीं आते, लेकिन आप पार्टी पर हर छोटी बात पर नोटिस जारी किया जाता है।

केजरीवाल का कहना है कि चुनाव आयुक्त यह सब इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह 28 फरवरी को रिटायर होने वाले हैं और उन्हें भाजपा से कोई पोस्ट रिटायरमेंट नौकरी चाहिए। उन्होंने कहा, “वो केवल हमें निशाना बना रहे हैं क्योंकि रिटायरमेंट के बाद उन्हें भाजपा से कोई काम चाहिए।”

यमुना जल चुनौती: एक बड़ा कदम

इस पूरे मामले में केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, हरियाणा के सीएम नायब सैनी और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि हम इन सभी को यमुना का गंदा पानी भेज रहे हैं। उन्होंने कहा, “मैं चुनौती देता हूं कि ये लोग इस पानी को पीकर दिखाएं और बताएं कि यह कितना सुरक्षित है।”

केजरीवाल ने दावा किया कि उनकी पार्टी इस कथित दूषित पानी की बोतलें नायब सैनी, अमित शाह और चुनाव आयुक्त को भेजेगी ताकि वे इस पानी की वास्तविकता से रूबरू हो सकें।

दिल्ली में पानी की समस्या बनी राजनीतिक हथियार

यमुना नदी और उसके प्रदूषण को लेकर शुरू हुआ यह विवाद अब दिल्ली चुनावों के केंद्र में आ चुका है। केजरीवाल का यह कदम न केवल दिल्ली की जल समस्या को उजागर करने के लिए है, बल्कि यह दिखाने का प्रयास है कि वह दिल्ली के नागरिकों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने कहा, “मैं दिल्ली वालों के हितों से कोई समझौता नहीं होने दूंगा, चाहे मुझे इसके लिए जेल भी क्यों न जाना पड़े।”

केजरीवाल ने साफ किया कि उनका यह संघर्ष व्यक्तिगत नहीं है, बल्कि दिल्ली के लोगों के लिए है। उन्होंने कहा, “मैं इनके नोटिसों और मुकदमों से डरने वाला नहीं हूं। चाहे मुझे जेल भेजना हो, भेज दें। लेकिन दिल्ली वालों के हितों के साथ खिलवाड़ नहीं होने दूंगा।”

चुनाव आयोग ने मांगा जवाब

चुनाव आयोग ने केजरीवाल के बयानों पर सख्त रुख अपनाते हुए उनसे स्पष्टीकरण मांगा है। आयोग ने यमुना के पानी में जहरीले तत्वों की मौजूदगी के आरोपों को लेकर केजरीवाल से जवाब तलब किया है। इस पर केजरीवाल ने आयोग के रवैये पर नाराज़गी जताई है और आरोप लगाया है कि चुनाव आयोग उनकी पार्टी को निशाना बना रहा है, जबकि असली मुद्दों को नजरअंदाज कर रहा है।

Delhi Election 2025: नेतृत्व की परीक्षा

केजरीवाल का अमित शाह, नायब सैनी और चुनाव आयुक्त राजीव कुमार को दी गई यह चुनौती दिल्ली के राजनीतिक माहौल में बड़ा मोड़ साबित हो सकती है। यमुना जल संकट चुनावों में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है, और आम आदमी पार्टी इस मुद्दे को उठाकर खुद को दिल्ली के नागरिकों का संरक्षक साबित करने का प्रयास कर रही है, जबकि भाजपा पर सवाल उठाए जा रहे हैं।

यह चुनौती और केजरीवाल का साहसिक रुख उनके समर्थकों को प्रेरित कर सकता है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह रणनीति आम मतदाताओं को प्रभावित करेगी, या इसे एक राजनीतिक स्टंट के रूप में देखा जाएगा?

Delhi Election 2025: निष्कर्ष

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के करीब आते ही राजनीतिक दांव-पेंच और बढ़ते जा रहे हैं। केजरीवाल का भाजपा और चुनाव आयुक्त पर सीधा हमला इस बात को दर्शाता है कि सत्ता की लड़ाई कितनी कठिन हो गई है। यमुना जल संकट, स्वास्थ्य और शासन के मुद्दे अब दिल्ली के राजनीतिक चर्चा के केंद्र में आ गए हैं।

आने वाले हफ्तों में यह स्पष्ट होगा कि केजरीवाल की यह रणनीति सफल होती है या विवाद को और गहरा करती है। फिलहाल, चुनावी दौड़ में स्थिति गर्म हो चुकी है, और पानी, शासन, और जवाबदेही के मुद्दे मुख्य भूमिका निभा रहे हैं।

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