APAAR ID ( ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री ) यह भारत सरकार की एक योजना है. इसका मकसद, सभी छात्रों के लिए एकीकृत पहचान प्रणाली बनाना है. इसे ‘वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी’ के नाम से भी जाना जाता है.
APAAR ID में शामिल जानकारी
इस आईडी कार्ड पर छात्रों के लिंग, जन्मतिथि, पैरेंट्स का पता और फोटो शामिल होंगे. इसके अतिरिक्त, इसमें निम्न दस्तावेज़ों जैसे डेटा होंगे:
- मार्कशीट
- सर्टिफिकेट
- डिग्री-डिप्लोमा प्रमाण पत्र
- कैरेक्टर सर्टिफिकेट
- स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट
इसके साथ ही छात्रों के ब्लड ग्रुप, ऊंचाई और वजन जैसी जानकारियां भी शामिल हो सकती हैं.
APAAR ID से जुड़ी खास बातें
- यह एक 12 अंकों का यूनिक नंबर होता है.
- यह छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड का डिजिटल संग्रह है.
- इसमें छात्र की पूरी पढ़ाई-लिखाई की जानकारी होती है.
- यह छात्रों को स्कॉलरशिप, नौकरी आदि में मदद करती है.
- इसके माध्यम से छात्रों के शैक्षणिक दस्तावेज़ सुरक्षित रहते हैं.
- इससे फ़र्ज़ीवाड़े की संभावनाएं कम होती हैं.
- इससे नियोक्ता एक क्लिक में उम्मीदवार की सारी जानकारी देख सकते हैं.
APAAR ID के कुछ दुष्परिणाम और कमियां ये हैं
- डेटा सुरक्षा की कमी: नाबालिग छात्रों के संवेदनशील डेटा की सुरक्षा के लिए पर्याप्त कानूनी प्रावधान और मज़बूत सुरक्षा उपायों की कमी है.
- डेटा उल्लंघन का खतरा: भारत में डेटा प्रोटेक्शन एक्ट, 2023 लागू नहीं होने की वजह से छात्रों के डेटा के दुरुपयोग, अनधिकृत पहुंच, और उल्लंघन का खतरा बना रहता है.
- तकनीकी समस्याएं: स्कूलों में यू-डाइस पोर्टल को अपडेट करने के लिए स्थायी स्टाफ़ की कमी होती है, जिससे आईडी बनाने में दिक्कतें आती हैं.
- गलत जानकारी: कई बार छात्रों की जन्मतिथि या अन्य जानकारी गलत आती है, जिसे आधार में सुधारना पड़ता है.
- गोपनीयता नीति की अस्पष्टता: APAAR आईडी की गोपनीयता नीति और उपयोग की शर्तें स्पष्ट नहीं हैं और डेटा सुरक्षा के पहलुओं को पूरी तरह से संबोधित नहीं किया गया है.
इन शर्तों में डेटा सुरक्षा को पर्याप्त रूप से संबोधित नहीं किया गया है.