इस बार की सर्दी कैसी होगी? India Meteorological Department (IMD) की भविष्यवाणी पर एक नजर

इस बार की सर्दी कैसी होगी? India Meteorological Department (IMD) की भविष्यवाणी पर एक नजर

भारत में हर साल सर्दियों (लगभग नवंबर से फरवरी तक) में तापमान, कोहरे, शीतलहर व हिमपात जैसी स्थितियाँ बदलती रहती हैं।

लेकिन 2025-26 की सर्दी कुछ अलग रूप ले सकती है—खासकर उत्तरी भारत में। आइए देखें कि IMD और अन्य मौसम विशेषज्ञ इस बार क्या कह रहे हैं, इस सर्दी के क्या संकेत मिल रहे हैं, और हमें किन तरह की तैयारियाँ करनी चाहिए।

1. मौसम-व्यवस्था में क्या बदलाव देखने को मिल रहे हैं?

इस अक्टूबर में उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों में हिमपात अपेक्षा से पहले ही शुरू हो गया है।

IMD ने बताया है कि इस वर्ष उत्तरी भारत में सर्दी सामान्य से ठंडी हो सकती है।

एक प्रमुख कारण है La Niña का पुनरागमन। अमेरिका के मौसम निदेशालय और IMD के मॉडल के अनुसार इस वर्ष La Niña के चलित होने की संभावना लगभग 71 % है।

La Niña के चलते वायुमंडलीय परिसंचरण में बदलाव आ सकता है, जिससे अधिक ठंड, कोहरे व देर से मानसून का प्रस्थान देखने को मिल सकता है।

2. क्या संकेत मिल रहे हैं कि सर्दी लंबी, तीव्र या असामान्य होगी?

ठंड-लहर व कोहरा

यदि La Niña सक्रिय हो जाती है तो भारत-विषयक पूर्वानुमानों के अनुसार उत्तरी मैदानों में ठंड-लहरें, लंबे समय तक ठंडे दिन और रातें देखने को मिल सकती हैं।

दिल्ली-एनसीआर, गुरुग्राम, नोएडा व आसपास के शहरों में इस सर्दी में सामान्य से ठंडा अनुभव होने की चेतावनी दी गई है।

कोहरे (रुका हुआ/घना कोहरा) की संभावना भी बढ़ी हुई है, जो दृश्यता घटा सकता है, यातायात प्रभावित कर सकता है।

हिमपात व ऊँचे इलाकों में असर

हिमालय और उससे लगे इलाकों में पहले से ही बर्फबारी शुरू हो चुकी है।

यह हिमपात आगे और बढ़ सकता है, जिससे सर्द मौसम के दौरान पर्यटन, सड़क-यातायात तथा आवागमन प्रभावित हो सकते हैं।

उत्तर-पश्चिम व मध्य भारत में स्थिति

सिंधु-गंगा मैदानी इलाकों में दिन का तापमान सामान्य से नीचे रह सकता है। लेकिन दक्षिण भारत में उतनी ठंड महसूस नहीं हो सकती।

यह कहना अभी शुरुआती अवस्था में है—IMD ने क्षेत्रीय विस्तृत पूर्वानुमान अभी जारी नहीं किया है।

3. इस बार की सर्दी क्यों खास है?

ठंड-लहर व कोहरा

La Niña मौसम चक्र में प्रशांत महासागर के पूर्वी क्षेत्र में समुद्र सतह तापमान सामान्य से नीचे चले जाते हैं, जिससे वैश्विक वायुमंडलीय परिसंचरण बदलता है।

भारत-आसियाई इलाके में La Niña की सक्रियता का संबंध ठंडे मौसम, बढ़े हुए कोहरे व संभवतः अधिक हिमपात से देखा गया है।

जलवायु परिवर्तन का सम पृष्ठ-भूमि

पिछले कुछ वर्षों में भारत में मौसम अस्थिर हो गया है—गर्मी और वर्षा पैटर्न में तेजी से बदलाव हो रहे हैं।

सर्दियों में भी वरदा-मौसम (extreme) की घटनाएं बढ़ सकती हैं—जैसे अचानक तापमान गिरना, ठंडी हवाएं, रिकॉर्ड कोहरे।

खेती व कृषि पर असर

खेती के लिहाज से सर्दियों में तापमान व कोहरे का प्रभाव विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है — जैसे रबी की फसलें (गेहूँ, चना आदि) इस समय तक अच्छी तरह से बढ़ती हैं और बहुत ठंड या कोहरे से प्रभावित हो सकती हैं।

4. क्षेत्र-वार क्या माहौल हो सकता है?

क्षेत्र संभावित स्थिति प्रमुख ध्यान-बिंदु
उत्तरी भारत (दिल्ली-एनसीआर, पंजाब-हरियाणा, उत्तराखंड-हिमाचल) दिन-रात तापमान सामान्य से नीचे, ठंड-लहरें, कोहरा, हिमपात (ऊँचे इलाकों में) ऊनी कपड़े, गर्म पेय, वृद्ध व बच्चों का विशेष ध्यान, यातायात व उड़ानों की स्थिति
मध्य प्रदेश, राजस्थान-मध्य भारत ठंड का प्रसार लेकिन हिमपात संभव नहीं; कोहरा व तापमान गिर-उठ सकता है जलवायु अनुकूल खेती, समय-समय पर तापमान-समीक्षा
दक्षिण भारत व तटीय क्षेत्र अपेक्षाकृत सर्दी कम कठिन, तापमान थोड़ा कम महसूस होगा खेतों व फसलों पर ध्यान, बारिश में बदलाव की संभावना
हिमालय व पर्वतीय क्षेत्र हिमपात पहले से देखने को मिला, आगे बर्फबारी व ठंड усилित हो सकती है सड़क व फ्लाइट रुकावटें, पर्यटन व सुरक्षा व्यवस्था

5. हम क्या कर सकते हैं? तैयारियों की दिशा में सुझाव

घरेलू तैयारी: घर में आवश्यकताओं की सूची बनाएं — गर्म कपड़े, थर्मल कंबल, हीटर (जहाँ संभव हो), बच्चों व बुजुर्गों के लिए विशेष तैयारियाँ।

स्वास्थ्य-सावधानी: ठंडी हवाओं व कोहरे से बने संक्रमण (खांसी, जुकाम, निमोनिया) का खतरा बढ़ सकता है। सफाई-वायु-प्रवाह पर ध्यान दें।

यातायात व आवागमन: कोहरे के समय दृश्यता घट सकती है, फ्लाइट व ट्रेनों में रुकावटें हो सकती हैं — यात्रा से पूर्व मौसम संबंधी अपडेट देखें।

कृषि-तैयारी: किसानों को सलाह दी जाती है कि वे तापमान के अचानक परिवर्तन व कोहरे के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए फसल की देखभाल करें।

पर्फॉर्मेंस निगरानी: विशेषकर उत्तर भारत में तापमान गिरने और कोहरे की स्थिति पर नियमित ध्यान दें — IMD की चेतावनियों पर नजर रखें।

6. क्या जोखिम हैं?

अचानक आने वाली ठंड-लहरें ट्रैफिक, स्वास्थ्य और बिजली-उपयोग पर असर डाल सकती हैं।

कोहरा विशेषकर सड़क, रेल व हवाई यातायात में रुकावट ला सकता है।

हिमपात वाले इलाकों में स्नो स्लाइड/पहाड़ी सड़कों की बंदी जैसे खतरों का सामना हो सकता है।

कृषि-क्षेत्र में कोहरे व नीचे तापमान फसलों (विशेषकर रबी) को प्रभावित कर सकते हैं।

7. निष्कर्ष

इस बार की सर्दी भारत के लिए सामान्य से ठंडी, संभावित रूप से लंबी और असामान्य रूप से सक्रिय हो सकती है — खासकर उत्तरी भागों में। India Meteorological Department व अन्य मौसम विशेषज्ञों के अनुसार La Niña जैसी मौसमी परिस्थितियों के चलते हमें असाधारण तैयारियों की जरूरत है। सही समय पर सतर्कता बरतने से इसके असर को बहुत हद तक कम किया जा सकता है।

 

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