नई दिल्ली में संसद सदस्यों को आवंटित फ्लैट्स में क्यों लगी भीषण आग..?

नई दिल्ली : डॉ विश्मभर दास मार्ग पर ब्रह्मपुत्र सोसायटी में आज दोपहर बिल्डिंग के नीचे खाली पड़े गैराज में CPWD द्वारा बनाए गए फर्नीचर के स्टोर में भीषण आग लग गई, लपटें इतनी तेज थीं कि प्रारंभ में संभाल पाना दुष्कर लग रहा था? आननफानन में दरमजल विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उनके आते आते आग इतनी तेज हो गई कि आग पर काबू पाना असंभव हो गया, आवासीय क्षेत्र होने एवं हाई प्रोफाइल लोगों के आवासीय परिसर में तत्काल निर्णय लेना भी एजेंसियों के बड़ी चुनौती का कार्य था l ब्रह्मपुत्र में लगे फायर सेफ्टी संयत्र नहीं चल सके चौंकाने वाली बात यह है कि इतने हाई प्रोफाइल लोगों के आवासीय परिसर में अग्नि संयंत्र समय पर काम ही नहीं कर पाए और न कोई उन्हें चलाने वाला ही मिला. यदि अग्नि संयंत्र समय पर चल पाते तो यह बड़ा हादसा टाला जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. स्थानीय निवासियों का दबी जुबान में कहना है कि यहाँ बहुत लापरवाही बरती जाती है, स्थानीय सर्विस एजेन्सी के लिए कोई विशेष स्टोर नहीं है तथा स्थानीय एजेंसी भी बहुत गंभीरता से काम नहीं करती l त्यौहार के समय बड़ी घटना हो सकती थी यह घटना संसद सत्र के चलते होती तो यह बड़ा हादसा भी हो सकता था क्योंकि उस समय भारी तादाद में स्टाफ और आगंतुक सहित सभी सांसद अपने अपने आवासों में रहते हैं, अतः उस समय यह घटना बड़ा स्वरूप ले सकती थी l ब्रह्मपुत्र के आसपास की सोसायटियों का भी यही हाल है? ब्रह्मपुत्र के साथ एक ही परिसर में नर्मदा और कावेरी भी यही हैं, साथ में सिंधु और स्वर्ण जयंती, गंगा यमुना और सरस्वती आदि भी हैं, निकट में ही कुछ दिनों पहले इन सभी से ऊंची संसदीय आवासीय परिसर बना है जो इन सभी से ऊंचा 25 मंजिला है, का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पूर्व ही किया है l इस हादसे के बाद सभी सोसायटियों में अग्नि शमन सबंधित तैयारियों की समीक्षा होगी. किन्तु इस घटना ने सभी संबंधित एजेंसियों को पोल खोल दी है है, हालांकि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, किन्तु संकेत बड़े छोड़ गया है यह हादसा l

नई दिल्ली : डॉ विश्मभर दास मार्ग पर ब्रह्मपुत्र सोसायटी में आज दोपहर बिल्डिंग के नीचे खाली पड़े गैराज में CPWD द्वारा बनाए गए फर्नीचर के स्टोर में भीषण आग लग गई, लपटें इतनी तेज थीं कि प्रारंभ में संभाल पाना दुष्कर लग रहा था? आननफानन में दरमजल विभाग को सूचना दी गई, लेकिन उनके आते आते आग इतनी तेज हो गई कि आग पर काबू पाना असंभव हो गया, आवासीय क्षेत्र होने एवं हाई प्रोफाइल लोगों के आवासीय परिसर में तत्काल निर्णय लेना भी एजेंसियों के बड़ी चुनौती का कार्य था |

ब्रह्मपुत्र में लगे फायर सेफ्टी संयत्र नहीं चल सके

ब्रह्मपुत्र में लगे फायर सेफ्टी संयत्र नहीं चल सके

चौंकाने वाली बात यह है कि इतने हाई प्रोफाइल लोगों के आवासीय परिसर में अग्नि संयंत्र समय पर काम ही नहीं कर पाए और न कोई उन्हें चलाने वाला ही मिला. यदि अग्नि संयंत्र समय पर चल पाते तो यह बड़ा हादसा टाला जा सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हो सका. स्थानीय निवासियों का दबी जुबान में कहना है कि यहाँ बहुत लापरवाही बरती जाती है, स्थानीय सर्विस एजेन्सी के लिए कोई विशेष स्टोर नहीं है तथा स्थानीय एजेंसी भी बहुत गंभीरता से काम नहीं करती |

त्यौहार के समय बड़ी घटना हो सकती थी
यह घटना संसद सत्र के चलते होती तो यह बड़ा हादसा भी हो सकता था क्योंकि उस समय भारी तादाद में स्टाफ और आगंतुक सहित सभी सांसद अपने अपने आवासों में रहते हैं, अतः उस समय यह घटना बड़ा स्वरूप ले सकती थी |

ब्रह्मपुत्र के आसपास की सोसायटियों का भी यही हाल है?

ब्रह्मपुत्र के साथ एक ही परिसर में नर्मदा और कावेरी भी यही हैं, साथ में सिंधु और स्वर्ण जयंती, गंगा यमुना और सरस्वती आदि भी हैं, निकट में ही कुछ दिनों पहले इन सभी से ऊंची संसदीय आवासीय परिसर बना है जो इन सभी से ऊंचा 25 मंजिला है, का उद्घाटन प्रधानमंत्री ने कुछ दिन पूर्व ही किया है l इस हादसे के बाद सभी सोसायटियों में अग्नि शमन सबंधित तैयारियों की समीक्षा होगी. किन्तु इस घटना ने सभी संबंधित एजेंसियों को पोल खोल दी है है, हालांकि किसी भी प्रकार की जनहानि नहीं हुई, किन्तु संकेत बड़े छोड़ गया है यह हादसा |

 

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