नई-नई शादी हुई थी… कश्मीर हनीमून पर गए थे।
सपनों से भरा जीवन शुरू ही हुआ था…
पर आतंकवाद ने सुहाग उजाड़ दिया।
नाम पूछा — धर्म जाना — और गोली मार दी।
हत्यारे ने ना इंसानियत देखी, ना मोहब्बत…
बस देखा तो ये कि ‘हिंदू’ है।
कश्मीर की खूबसूरती के पीछे छुपा ज़हर अब और नहीं छुप सकता।
ये संघर्ष अब सच्चाई का है… अस्तित्व का है।
जो आज चुप है, वो कल शिकार होगा।
धर्म से भागोगे, तो मौत भी पहचान कर आएगी।
अब भी नहीं जागे तो हर गिनती में एक ‘शहीद हिंदू’ जुड़ता जाएगा।
तुमको मारने से पहले यह नहीं पूछेंगे कि तुम स्टालिन के समर्थक हो या मोदी या राहुल के! सेकुलर हो या नॉन सेकुलर, वामपंथी हो दक्षिणपंथी हो, वक़्फ़ के समर्थक हो या विरोधी हो, पाकिस्तान प्रेमी हो या पाकिस्तान विरोधी हो, कांग्रेस की आईटी सेल के हो कि बीजेपी की आई टी सेल के, टुकड़े गैंग के हो की राष्ट्रभक्त हो वो केवल यह पूछेंगे हिंदू हो क्या ?
अगर हां बोला तो खत्म हो! कुछ तो इजराइल से सीखो । 😢😟
मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर करना, आतंकियों का कोई धर्म नहीं होता, हिंदू मुस्लिम भाई भाई, हिंदू मुस्लिम भाई चारा, गंगा जमुनी तहजीब, इस प्रकार की नकली घुट्टी कब तक पीते रहोगे, अब तो जागो काफिरों (हिंदुओं) कब जागोगे ? तुम उनके लिए सिर्फ काफिर हो तुम्हें मारना इस्लाम में जायज है तुम सिर्फ भाईजान के लिए सिर्फ चारा हो 😢 😟
📌 लेखक: KPR News डेस्क
📅 प्रकाशित: 23 अप्रैल 2025
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