अबू आजमी को जेल भेजने की तैयारी: औरंगजेब विवाद पर सीएम फडणवीस का सख्त रुख

Abu Azmi Aurangzeb Vivaad

Abu Azmi Aurangzeb Vivaad: महाराष्ट्र की राजनीति इन दिनों अबू आसिम आजमी और उनके विवादित बयान को लेकर गरमाई हुई है। समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक अबू आजमी का नाम उस वक्त सुर्खियों में आया, जब उन्होंने मुगल शासक औरंगजेब की प्रशंसा करते हुए बयान दिया। इस बयान से बवाल मच गया, और अब आजमी के जेल जाने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विधानसभा के बजट सत्र के दौरान इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाते हुए साफ कहा कि जो भी छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान करेगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।

औरंगजेब पर बयान: अबू आजमी की मुश्किलें बढ़ीं

अबू आसिम आजमी का विवादित बयान उन्हें भारी पड़ता दिख रहा है। महाराष्ट्र विधानसभा के बजट सत्र से उन्हें पहले ही निलंबित कर दिया गया है, और अब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान के बाद उनकी मुश्किलें और बढ़ गई हैं। फडणवीस ने विधान परिषद में विपक्षी नेताओं के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि आजमी को शत प्रतिशत जेल में डाला जाएगा। फडणवीस ने साफ कर दिया कि मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज का अपमान किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

अबू आजमी का पक्ष: निलंबन पर विरोध

अबू आजमी ने अपने निलंबन पर प्रतिक्रिया देते हुए इसे अनुचित ठहराया। उनके मुताबिक, उन्होंने विवादास्पद बयान वापस ले लिया था, लेकिन इसके बावजूद उन्हें निलंबित किया गया। आजमी का कहना है कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं कहा था और उनकी बातों को गलत तरीके से पेश किया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि औरंगजेब के शासनकाल में भारत की सीमाएं अफगानिस्तान और बर्मा तक फैली थीं, और उस समय भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था।

शिवसेना और कांग्रेस का तीखा हमला

अबू आजमी के बयान पर न केवल भाजपा बल्कि शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे भी आग-बबूला हो गए। ठाकरे ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए सरकार से मांग की कि आजमी को स्थायी रूप से विधानसभा से निलंबित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को राष्ट्रीय नायकों के खिलाफ बोलने की हिम्मत नहीं करनी चाहिए। इसके अलावा, कांग्रेस के भाई जगताप ने भी इस मुद्दे पर सरकार से कड़े कदम उठाने की मांग की।

राष्ट्रीय नायकों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों का विरोध

आजमी के बयान के बाद से महाराष्ट्र की विधानसभा में लगातार हंगामा हो रहा है। सत्ता पक्ष के नेताओं ने आजमी के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज करने की भी मांग की है। इस बीच, विधान परिषद में अभिनेता राहुल सोलापुरकर और पूर्व पत्रकार प्रशांत कोराटकर के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग उठी है, जिन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं। कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) ने इस मुद्दे पर सरकार के दोहरे मापदंड की आलोचना की और मांग की कि सभी के खिलाफ एक समान कार्रवाई हो।

आगे क्या होगा?

Abu Azmi Aurangzeb Vivaad

अब यह देखना होगा कि सरकार अबू आजमी के खिलाफ क्या कदम उठाती है। महाराष्ट्र की राजनीति में इस मुद्दे ने जो उबाल पैदा किया है, वह जल्द ही शांत होता नहीं दिख रहा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का सख्त रुख और विपक्ष की मांगों ने आजमी के लिए मुश्किलें बढ़ा दी हैं। क्या वाकई अबू आजमी को जेल में डाला जाएगा, या यह मामला राजनीतिक बयानबाजी तक सीमित रहेगा, यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा।

निष्कर्ष:

यह विवाद छत्रपति शिवाजी महाराज और छत्रपति संभाजी महाराज के सम्मान से जुड़ा है, जो महाराष्ट्र की राजनीति और समाज के लिए बेहद संवेदनशील मुद्दा है। चाहे वह आजमी का बयान हो, या अन्य लोगों की टिप्पणियां, इस मुद्दे पर सरकार और विपक्ष दोनों की कड़ी प्रतिक्रिया सामने आई है। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले में न्याय और राजनीति का संतुलन कैसे साधा जाता है।

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