जब जेलेंस्की और ट्रंप के बीच वाइट हाउस में गूंजने लगी बहस: क्या शांति समझौता अब और दूर हो गया है?

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Trump-Zelensky Clash: यूक्रेन-रूस युद्ध को तीन साल पूरे हो चुके हैं, और इस दौरान अमेरिका की मदद यूक्रेन के लिए एक मजबूत सहारा बनी हुई थी। लेकिन जब यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने वाइट हाउस पहुंचे, तो हालात उम्मीद के उलट हो गए।

शांति समझौते की कोशिश या दबाव की राजनीति?

डोनाल्ड ट्रंप, जो पहले ही कह चुके थे कि अमेरिकी टैक्सपेयर्स के पैसे को बेवजह खर्च नहीं किया जा सकता, उन्होंने जेलेंस्की पर शांति समझौते के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। ट्रंप की स्पष्ट राय थी कि यूक्रेन को अमेरिका के प्राकृतिक संसाधनों तक पहुंच देना एक ‘उचित सौदा’ होगा। हालांकि, जेलेंस्की ने इसका कड़ा विरोध किया, जिससे माहौल गर्मा गया।

एंबेसडर की वायरल प्रतिक्रिया

इस पूरी बातचीत के दौरान, यूक्रेन की एंबेसडर ओक्साना मार्कारोवा का सिर पकड़ लेना अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है। उनके चेहरे की हताशा इस बात की ओर इशारा करती है कि बातचीत कितनी असहज हो चुकी थी। ट्रंप की तीखी टिप्पणियों और जेलेंस्की की दृढ़ता ने इस कूटनीतिक मुलाकात को विवादित बना दिया।

दुर्लभ खनिजों पर टकराव

बताया जा रहा है कि ट्रंप, यूक्रेन में मौजूद दुर्लभ खनिज संसाधनों पर अमेरिका की पकड़ चाहते थे। उनके अनुसार, अगर अमेरिका युद्ध में शामिल हो रहा है, तो उसे कुछ ठोस लाभ भी मिलने चाहिए। लेकिन जेलेंस्की ने बिना हस्ताक्षर किए वाइट हाउस छोड़ने का फैसला किया, जिससे समझौता अधर में लटक गया।

क्या शांति अब और दूर हो गई?

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बैठक के बाद ट्रंप ने कहा, “अगर अमेरिका इसमें शामिल होता है, तो जेलेंस्की शांति के लिए तैयार नहीं हैं। उन्हें लगता है कि हमारी भागीदारी से उन्हें बातचीत में बड़ा फायदा मिलता है। मुझे फायदा नहीं चाहिए, मुझे शांति चाहिए।”

इस बयान से साफ है कि अमेरिका और यूक्रेन के बीच विश्वास की खाई बढ़ गई है। जेलेंस्की, जो रूस के खिलाफ लड़ाई को अपनी संप्रभुता की लड़ाई मानते हैं, शायद अब और भी अधिक सतर्क हो गए हैं।

आगे क्या?

इस घटना के बाद, ग्लोबल पॉलिटिक्स में हलचल मची हुई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अमेरिका और यूक्रेन के बीच तनाव बढ़ता है, तो यह रूस को और आक्रामक बना सकता है।

आने वाले दिनों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या जेलेंस्की और ट्रंप के बीच कोई नया संवाद शुरू होता है या फिर यह मुलाकात इतिहास में एक और असफल कूटनीतिक प्रयास के रूप में दर्ज हो जाती है।

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