Share Market Crash: सेंसेक्स 1200 अंक टूटा, निवेशकों की 9.27 लाख करोड़ की संपत्ति स्वाहा

Share Market Crash

Share Market Crash: भारतीय शेयर बाजारों में मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को जबरदस्त गिरावट देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख इंडेक्स लाल निशान में बंद हुए, जिससे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा। सेंसेक्स 1018 अंक (1.31%) गिरकर 76,293 के स्तर पर बंद हुआ, जबकि निफ्टी 309 अंक (1.32%) की गिरावट के साथ 23,071 के स्तर पर बंद हुआ। यह लगातार पांचवां दिन था जब बाजार में गिरावट दर्ज की गई।

क्या हुआ बाजार में?

गिरावट का असर व्यापक था, खासकर रियल्टी, मीडिया, ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा और सरकारी बैंकिंग सेक्टर पर।

  • निफ्टी रियल्टी 3% टूटा।
  • मीडिया इंडेक्स 2.85% गिरा।
  • ऑटो, एफएमसीजी, फार्मा और सरकारी बैंकिंग सेक्टर में करीब 2% की गिरावट आई।
  • मेटल और आईटी इंडेक्स भी 1.50% नीचे रहे।

निवेशकों को भारी नुकसान

बाजार की इस गिरावट से निवेशकों को 9.27 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का ओवरऑल मार्केट कैप घटकर 408 लाख करोड़ रुपये रह गया, जो 10 फरवरी को 417 लाख करोड़ रुपये था।

बाजार में गिरावट के प्रमुख कारण

  1. अमेरिका द्वारा टैरिफ में बढ़ोतरी
    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने स्टील और एल्युमीनियम आयात पर टैरिफ बढ़ा दिए हैं। इस फैसले से ग्लोबल ट्रेड वॉर की आशंका बढ़ गई है। एल्यूमीनियम पर 10% से बढ़ाकर 25% और स्टील पर 25% टैरिफ बहाल करने का असर भारतीय बाजारों पर भी पड़ा।
  2. विदेशी निवेशकों की बिकवाली
    इस महीने 10 फरवरी तक विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) ने कैश सेगमेंट में ₹12,643 करोड़ के शेयर बेचे। अक्टूबर 2024 से अब तक उन्होंने भारतीय बाजार से ₹2.75 लाख करोड़ से अधिक की बिकवाली की है, जिससे बाजार पर दबाव बना हुआ है।
  3. कमजोर तिमाही नतीजे
    कंपनियों के Q3FY25 के कमजोर नतीजों ने निवेशकों के भरोसे को झटका दिया। आयशर मोटर्स जैसी कंपनियों के शेयर में 7% की गिरावट आई। जबकि कंपनी का शुद्ध लाभ 17.5% बढ़कर 1,170.5 करोड़ रुपये हुआ, लेकिन यह बाजार की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा।

ग्लोबल मार्केट का मिला-जुला असर

  • कोरिया का कोस्पी इंडेक्स 0.71% चढ़ा।
  • हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 1.06% गिरा।
  • चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स 0.12% गिरावट के साथ बंद हुआ।

अमेरिकी बाजारों ने हालांकि मजबूती दिखाई। 10 फरवरी को डाओ जोंस 0.38% चढ़कर 44,470 पर, S&P 500 इंडेक्स 0.67% बढ़कर 6,066 पर और नैस्डैक 0.98% चढ़कर बंद हुआ।

क्या निवेशकों को घबराना चाहिए?

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बाजारों में इस तरह की गिरावट कभी-कभी देखने को मिलती है। हालांकि, लंबी अवधि के निवेशकों को घबराने की जरूरत नहीं है। गिरावट के दौरान अच्छी कंपनियों के शेयरों को सस्ते में खरीदने का यह अच्छा मौका हो सकता है।

निष्कर्ष:

भारतीय शेयर बाजार में आई इस गिरावट से निवेशकों को बड़ा झटका लगा है। अमेरिका की टैरिफ नीति, विदेशी निवेशकों की बिकवाली और कमजोर तिमाही नतीजे इसके प्रमुख कारण रहे। हालांकि, यह गिरावट अल्पकालिक भी हो सकती है। निवेशकों को जल्दबाजी में फैसले लेने के बजाय लंबी अवधि के दृष्टिकोण से बाजार को देखना चाहिए।

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