AI शिखर सम्मेलन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया फ्रांस यात्रा ने भारत, फ्रांस और अमेरिका के बीच तकनीकी और आर्थिक सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत कर दी है। पेरिस में आयोजित एक विशेष रात्रिभोज के दौरान पीएम मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिकी सीनेटर जेडी वांस से मुलाकात की। यह बैठक आने वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिखर सम्मेलन से पहले हुई थी। इस बैठक ने भारत के वैश्विक तकनीकी और कूटनीतिक संबंधों को और अधिक मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण संकेत दिए हैं।
AI शिखर सम्मेलन: भविष्य की तकनीकी संभावनाएं
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आज के समय की सबसे बड़ी तकनीकी क्रांति मानी जा रही है। इसका उपयोग स्वास्थ्य सेवाओं, सुरक्षा, शिक्षा, कृषि और व्यापार में हो रहा है। यह सम्मेलन न केवल तकनीकी सहयोग की दिशा में एक बड़ा मंच प्रदान करेगा, बल्कि इसमें AI के नैतिक उपयोग, डेटा सुरक्षा और वैश्विक चुनौतियों पर भी विचार किया जाएगा।
भारत-फ्रांस के संबंधों की नई दिशा
भारत और फ्रांस के बीच संबंध समय के साथ मजबूत होते गए हैं। चाहे वह रक्षा क्षेत्र हो, व्यापारिक संबंध हों या सांस्कृतिक सहयोग, दोनों देशों ने हमेशा एक-दूसरे का समर्थन किया है। राफेल विमान सौदे के बाद दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग और मजबूत हुआ है। इस यात्रा से दोनों देशों के बीच तकनीकी और आर्थिक क्षेत्र में नए समझौतों की उम्मीद की जा रही है।
अमेरिकी सीनेटर जेडी वांस से मुलाकात
जेडी वांस, जो अमेरिकी सीनेट में तकनीकी विकास और आर्थिक सुधारों के प्रबल समर्थक माने जाते हैं, से भी पीएम मोदी ने चर्चा की। यह मुलाकात भारत-अमेरिका के बीच तकनीकी नवाचार और डिजिटल साझेदारी को नई दिशा देने की संभावना रखती है।
बैठक के महत्वपूर्ण बिंदु
- तकनीकी सहयोग: भारत, फ्रांस और अमेरिका के बीच AI, साइबर सुरक्षा और डेटा प्रबंधन में साझेदारी पर चर्चा हुई।
- व्यापारिक अवसर: भारतीय स्टार्टअप्स और कंपनियों को फ्रांस और अमेरिका में निवेश के अवसरों पर विचार किया गया।
- रक्षा सहयोग: वैश्विक सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रक्षा साझेदारी पर जोर दिया गया।
- शांति और स्थिरता: वैश्विक शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए तीनों देशों ने मिलकर काम करने का संकल्प लिया।
डिजिटल इंडिया और AI का भविष्य
भारत सरकार की ‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहलें देश को तकनीकी रूप से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। इस बैठक में AI के उपयोग को बढ़ावा देने और इसके नैतिक व सुरक्षित उपयोग के मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
वैश्विक मंच पर भारत की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस यात्रा के दौरान भारत के डिजिटल विकास और तकनीकी नवाचारों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण केंद्र बन सकता है। इस यात्रा से यह साफ हो गया कि भारत केवल एक बाजार नहीं, बल्कि एक तकनीकी नेतृत्वकर्ता बनने की दिशा में अग्रसर है।
निष्कर्ष: AI शिखर सम्मेलन
पेरिस डिनर और आगामी AI शिखर सम्मेलन भारत के लिए तकनीकी और कूटनीतिक संबंधों में एक नया मोड़ साबित हो सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा भारत के तकनीकी भविष्य को एक नई दिशा देगी और वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को और मजबूत करेगी। यह बैठक भारत, फ्रांस और अमेरिका के बीच संबंधों के एक नए युग की शुरुआत का संकेत देती है, जहां तकनीकी नवाचार और वैश्विक सहयोग प्राथमिकता बने रहेंगे।