Bengal Violence: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर अपनी बेबाक़ शैली में बड़ा बयान दिया है। पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद और 24 परगना जिलों में भड़की हिंसा को लेकर उन्होंने ना सिर्फ स्थानीय प्रशासन को घेरा, बल्कि देश की राजनीति में सक्रिय विपक्षी दलों पर भी सवाल खड़े कर दिए।
🔥 “लातों के भूत बातों से नहीं मानेंगे”
हरदोई में एक कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए सीएम योगी ने कहा, “बंगाल जल रहा है और वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुप्पी साधे बैठी हैं। जो दंगाई सड़कों पर हिंसा फैला रहे हैं, उन्हीं को ‘शांतिदूत’ कहा जा रहा है। अगर किसी को बांग्लादेश इतना पसंद है, तो वे वहीं चले जाएं। भारत की धरती पर बोझ क्यों बन रहे हैं?”
यह बयान उस समय आया है जब मुर्शिदाबाद और आसपास के क्षेत्रों में हिंसा और अराजकता अपने चरम पर रही। वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में निकाले गए प्रदर्शनों ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। जले हुए वाहन, लूटी गई दुकानें और बंद बाजार – ये तस्वीरें मुर्शिदाबाद की स्थिति को साफ बयां कर रही हैं।
🧨 विपक्ष पर सीधा हमला
सीएम योगी ने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस को भी कटघरे में खड़ा किया। उनका कहना था कि जब देश का एक हिस्सा जल रहा है, तब ये सभी राजनीतिक दल मौन साधे हुए हैं। “क्या उनका सेक्युलरिज्म सिर्फ दंगाइयों के लिए है?”, योगी ने सवाल उठाया।
🛡️ अल्पसंख्यक हिंदुओं की सुरक्षा की मांग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में अल्पसंख्यक हिंदुओं की स्थिति पर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा, “न्यायालय का धन्यवाद कि उसने केंद्रीय बलों की तैनाती का निर्देश दिया, जिससे हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। जब राज्य सरकार मूक दर्शक बनी हो, तो न्यायपालिका का हस्तक्षेप ज़रूरी हो जाता है।”
📍Bengal Violence के पीछे की पृष्ठभूमि
मुर्शिदाबाद में वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध के नाम पर प्रदर्शन शुरू हुआ था, लेकिन जल्द ही वो उग्र हो गया। फार्मेसियों में तोड़फोड़ हुई, मॉल लूटे गए और आम जनता डर के साये में अपने घरों में कैद हो गई। कई लोग नदी पार कर मालदा जिले में शरण लेने को मजबूर हुए।
🏗️ विकास के साथ कठोरता का संदेश
सीएम योगी का यह बयान उस वक्त आया जब वह हरदोई में 650 करोड़ रुपये की 729 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण और शिलान्यास के कार्यक्रम में शामिल थे। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि विकास की राजनीति के साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा और सामाजिक समरसता के मुद्दे पर भी वे किसी तरह की ढिलाई नहीं बरतेंगे।
निष्कर्ष: Bengal Violence
सीएम योगी आदित्यनाथ का यह बयान ना सिर्फ पश्चिम बंगाल में मचे बवाल पर तीखा प्रहार है, बल्कि यह उस राजनीतिक मौन पर भी सवाल है जो हिंसा के समय और भी असहज लगता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस पर विपक्ष क्या प्रतिक्रिया देता है और ममता सरकार इस हिंसा को लेकर क्या कदम उठाती है।
आप इस मुद्दे पर क्या सोचते हैं? क्या राजनीतिक चुप्पी वाकई देश के लिए खतरनाक है? कमेंट कर अपनी राय ज़रूर बताएं।
📌 लेखक: KPR News डेस्क
📅 प्रकाशित: 15 अप्रैल 2025
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