मेहुल चौकसी की वापसी की तैयारी तेज़: CBI और ED के अधिकारी बेल्जियम को होंगे रवाना

Mehul Choksi Extradition

भारत सरकार एक बार फिर अपने भगोड़े कारोबारी Mehul Choksi को देश की अदालतों के सामने लाने के लिए गंभीर होती दिख रही है। ताज़ा घटनाक्रम में, केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और प्रवर्तन निदेशालय (ED) के छह अधिकारी जल्द ही बेल्जियम की उड़ान भरने वाले हैं। यह कदम चौकसी की हालिया गिरफ्तारी के बाद उठाया गया है, जिसे भारतीय एजेंसियों के आग्रह पर बेल्जियम में गिरफ्तार किया गया था।

क्या है Mehul Choksi का पूरा मामला?

हीरा कारोबारी मेहुल चौकसी साल 2018 में भारत से फरार हो गया था। उस पर पंजाब नेशनल बैंक (PNB) घोटाले में बड़ी भूमिका निभाने का आरोप है। भारत छोड़ने के बाद वह एंटीगुआ में रह रहा था और वहीं की नागरिकता भी हासिल कर ली थी। लेकिन अब, हालात बदल चुके हैं। जानकारी के मुताबिक चौकसी स्विट्जरलैंड भागने की कोशिश में था, तभी बेल्जियम में उसे धर लिया गया।

भारत की तत्परता

Mehul Choksi Extradition

CBI और ED के संयुक्त प्रयासों से चौकसी को पकड़वाने में सफलता मिली है। अब प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए दोनों एजेंसियों ने अपने-अपने तीन अधिकारियों को बेल्जियम भेजने की तैयारी पूरी कर ली है। इन अधिकारियों का मुख्य काम वहां की अदालत में भारत का पक्ष मज़बूती से रखना और कानूनी औपचारिकताओं को पूरा करना होगा।

सूत्रों का कहना है कि बेल्जियम में चौकसी की कोर्ट में पेशी से पहले भारतीय अधिकारी वहां पहुंच जाएंगे। प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में यह एक अहम पड़ाव होगा।

कानूनी लड़ाई की तैयारी में Mehul Choksi

वहीं, मेहुल चौकसी भी अपनी ओर से लड़ाई के लिए कमर कस रहा है। उसके वकीलों ने बयान जारी कर बताया कि वे बेल्जियम में उसकी गिरफ्तारी के खिलाफ याचिका दाखिल करने की तैयारी में हैं। चौकसी के वकीलों का कहना है कि वह ब्लड कैंसर से पीड़ित है और उसका इलाज जारी है, इसलिए मेडिकल आधार पर उसे ज़मानत दी जानी चाहिए।

उनका यह भी तर्क है कि चौकसी के भागने की संभावना नहीं है, क्योंकि उसकी चिकित्सा स्थिति स्थिर नहीं है। सुनवाई की तारीख तय होने के बाद ही ज़मानत याचिका दायर की जाएगी।

इंटरपोल नोटिस हटने के बाद बढ़ा एक्शन

गौरतलब है कि कुछ समय पहले इंटरपोल ने मेहुल चौकसी के खिलाफ जारी रेड कॉर्नर नोटिस को हटा दिया था। इसके बाद भारतीय एजेंसियों ने प्रत्यर्पण की प्रक्रिया को तेज़ कर दिया। भारत और बेल्जियम के बीच पहले से ही प्रत्यर्पण संधि मौजूद है, जिससे भारत के पक्ष को कानूनी रूप से मज़बूती मिलती है।

आगे क्या?

अब सबकी निगाहें बेल्जियम की अदालत पर टिकी हैं। क्या भारतीय एजेंसियों को चौकसी को भारत लाने में सफलता मिलेगी? क्या चौकसी की मेडिकल रिपोर्ट्स उसे राहत दिला पाएंगी? आने वाले कुछ दिन इस हाई-प्रोफाइल केस के लिए बेहद अहम होंगे।


आप क्या सोचते हैं? क्या मेहुल चौकसी को भारत वापस लाया जा सकेगा? अपनी राय नीचे कमेंट में ज़रूर बताएं।


📌 लेखक: KPR News डेस्क
📅 प्रकाशित: 15 अप्रैल 2025
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