13 जुलाई/बलिदान-दिवस बाजीप्रभु देशपाण्डे का बलिदान

13 जुलाई/बलिदान-दिवस बाजीप्रभु देशपाण्डे का बलिदान

शिवाजी महाराज द्वारा स्थापित हिन्दू पद-पादशाही की स्थापना में जिन वीरों ने नींव के पत्थर की भांति स्वयं को विसर्जित किया, उनमें बाजीप्रभु देशपाण्डे का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। एक बार शिवाजी 6,000 सैनिकों के साथ पन्हालगढ़ में घिर गये। किले के बाहर सिद्दी जौहर के साथ एक लाख सेना डटी थी। बीजापुर…

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Pramod Kumar Spiritual Speaker, New Delhi, India

Commanding Overthinking and Negative Thoughts : Lessons from the Timeless Treasure Bhagavad Gita

  Thoughts multiply like wildfire in our mind and overthinking generally turns out to be our greatest enemy. Our small worries develop into enormous anxieties leaving us with no clarity, no peace, and no sleep. These negativities make our mind home of negative thoughts which can be about ourselves, others, and our future. These together…

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बलूचिस्तान में नया विवाद लोगों ने इस्लाम धर्म मानने से किया इनकार

बलूचिस्तान में नया विवाद लोगों ने इस्लाम धर्म मानने से किया इनकार

  इस्लाम के संस्थापक मोहम्मद हजरत का जन्म 1400 साल पहले हुआ इन्हें ही इस्लाम का जनक माना जाता है, * ईसा मसीह का जन्म भी 2000 वर्ष पूर्व हुआ इन्हे ईसाई धर्म का संस्थापक माना जाता है, * तथा श्रीरामचन्द्र जी का जन्म 7000 साल पहले हुआ तब सम्पूर्ण विश्व में केवल सनातन धर्म…

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20 जून/इतिहास-स्मृति

20 जून/इतिहास-स्मृति

पंडित बीरबल धर का श्रीनगर प्रवेश   भारत के नंदनवन कश्मीर ने कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। किसी समय काशी से भी अधिक महत्व होने के कारण पूरे देश से छात्र यहां पढ़ने आते थे। फिर वह समय भी आया जब आतंकवादियों ने कश्मीर घाटी से हिन्दुओं को उजाड़ दिया; पर कश्मीर का यह इस्लामीकरण एक…

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झांसी की रानी – वीरता, त्याग और राष्ट्रभक्ति की अमर प्रतीक

झांसी की रानी – वीरता, त्याग और राष्ट्रभक्ति की अमर प्रतीक

भूमिका भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अनेक वीरांगनाओं ने अपने अद्वितीय साहस, बलिदान और निष्ठा से देश को प्रेरित किया है।लेकिन जब भी वीरता की बात होती है, तो सबसे पहला नाम “झांसी की रानी लक्ष्मीबाई” का ही आता है। 18 जून 1858 को रानी लक्ष्मीबाई वीरगति को प्राप्त हुईं थीं। उनकी पुण्यतिथि पर उन्हें याद करना…

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तपस्वी राजमाता अहल्याबाई होल्कर

31 मई/जन्म-दिवस तपस्वी राजमाता अहल्याबाई होल्कर

भारत में जिन महिलाओं का जीवन आदर्श, वीरता, त्याग तथा देशभक्ति के लिए सदा याद किया जाता है, उनमें रानी अहल्याबाई होल्कर का नाम प्रमुख है। उनका जन्म 31 मई, 1725 को ग्राम छौंदी (अहमदनगर, महाराष्ट्र) में एक साधारण कृषक परिवार में हुआ था। इनके पिता श्री मनकोजी राव शिन्दे परम शिवभक्त थे। अतः यही…

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विनायक दामोदर सावरकर जयंती

विनायक दामोदर सावरकर जयंती: एक क्रांतिकारी विचारक को नमन

हर साल 28 मई को भारतवासी वीर सावरकर की जयंती मनाते हैं, जो न केवल स्वतंत्रता संग्राम के एक तेजस्वी सेनानी थे, बल्कि एक लेखक, इतिहासकार, समाज सुधारक और राजनीतिक विचारक भी थे। विनायक दामोदर सावरकर का जीवन भारतीय इतिहास में एक प्रेरणादायक गाथा है, जिसमें त्याग, बलिदान और राष्ट्र के प्रति अटूट प्रेम की…

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कामगार दिवस

कामगार दिवस: मेहनतकश लोगों को सम्मान देने का दिन

हर साल 1 मई को हम सभी कामगार दिवस या मजदूर दिवस के रूप में मनाते हैं। यह दिन उन सभी लोगों को समर्पित है जो मेहनत और पसीने से हमारे देश, समाज और जीवन को बेहतर बनाते हैं। चाहे वह खेत में काम करने वाले किसान हों, इमारतें बनाने वाले मज़दूर हों, फैक्ट्रियों में…

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अक्षय तृतीया

अक्षय तृतीया – सुख, समृद्धि और शुभता का पर्व

भारत एक ऐसा देश है जहाँ हर पर्व किसी न किसी आध्यात्मिक, सामाजिक या सांस्कृतिक परंपरा से जुड़ा होता है। इन्हीं में से एक बहुत पावन और शुभ दिन है – अक्षय तृतीया, जिसे कई जगहों पर आखा तीज भी कहा जाता है। यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसके पीछे…

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हरिसिंह नलवा

भारत के अद्भुत योद्धा: हरिसिंह नलवा की वीरगाथा

28 अप्रैल/जन्मदिन अद्भुत योद्धा हरिसिंह नलवा भारत पर विदेशी आक्रमणकारियों की मार सर्वप्रथम सिन्ध और पंजाब को ही झेलनी पड़ी। 1802 में रणजीत सिंह विधिवत महाराजा बन गये। 40 साल के शासन में उन्हें लगातार अफगानों और पठानों से जूझना पड़ा। इसमें मुख्य भूमिका उनके सेनापति हरिसिंह नलवा की रही। 1802 में उन्होंने कसूर के…

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