Ambedkar Jayanti 2025: हर साल 14 अप्रैल को भारत एक महान विचारक, संविधान निर्माता और समाज सुधारक डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है। इस वर्ष भी अंबेडकर जयंती के अवसर पर देशभर में श्रद्धा और सम्मान के साथ बाबा साहेब को याद किया गया। देश की शीर्ष नेतृत्व ने भी प्रेरणा स्थल पर जाकर और सोशल मीडिया के माध्यम से अपने विचार साझा किए।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अर्पित की श्रद्धांजलि
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संसद परिसर के प्रेरणा स्थल पर डॉ. अंबेडकर को नमन किया। उन्होंने इस मौके पर कहा कि डॉ. अंबेडकर ने सामाजिक न्याय और समानता की जो लौ जलाई थी, वह आज भी देश को दिशा दिखा रही है।
पीएम मोदी बोले – “बाबा साहेब की प्रेरणा से बना आत्मनिर्भर भारत”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर बाबा साहेब को नमन करते हुए लिखा,
सभी देशवासियों की ओर से भारत रत्न पूज्य बाबासाहेब को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। यह उन्हीं की प्रेरणा है कि देश आज सामाजिक न्याय के सपने को साकार करने में समर्पित भाव से जुटा हुआ है। उनके सिद्धांत एवं आदर्श आत्मनिर्भर और विकसित भारत के निर्माण को मजबूती और गति देने वाले हैं। pic.twitter.com/Qhshv4uK7M
— Narendra Modi (@narendramodi) April 14, 2025
राहुल गांधी ने दी श्रद्धांजलि, कहा – “बाबा साहेब की सोच आज भी मार्गदर्शक”
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने संसद परिसर में प्रेरणा स्थल पर जाकर डॉ. अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने कहा कि अंबेडकर का संविधान आज भी लोकतंत्र की नींव है और हम उनके दिखाए रास्ते पर चलते हुए न्याय और समानता की लड़ाई जारी रखेंगे।
भारतीय संविधान के निर्माता बाबासाहेब डॉ भीमराव अंबेडकर जी को उनकी जयंती पर सादर नमन।
देश के लोकतंत्र को मज़बूत करने के लिए, हर भारतीय के समान अधिकारों के लिए, हर वर्ग की हिस्सेदारी के लिए उनका संघर्ष और योगदान, संविधान की रक्षा की लड़ाई में हमेशा हमारा मार्गदर्शन करता रहेगा। pic.twitter.com/CZMHwIRzDP
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 14, 2025
मल्लिकार्जुन खरगे ने दोहराई प्रतिबद्धता
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,
बाबासाहेब डॉ आंबेडकर ने हम देशवासियों को न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व के लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित — भारत का संविधान — दिया जो सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के लिए सबसे शक्तिशाली औज़ार है।
उन्होंने देश की प्रगति व एकता के लिए समावेशिता को अपना परम कर्तव्य बताया और… pic.twitter.com/Sxo4NNVDRu
— Mallikarjun Kharge (@kharge) April 14, 2025
बाबा साहेब का जीवन – एक प्रेरणा
1891 में एक दलित परिवार में जन्मे डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन संघर्षों से भरा रहा। जातिगत भेदभाव को झेलते हुए उन्होंने न केवल उच्च शिक्षा प्राप्त की बल्कि विदेश जाकर कानून, राजनीति और समाजशास्त्र में उच्च डिग्रियाँ हासिल कीं। उन्होंने दलितों और वंचित वर्गों के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। भारत के पहले कानून मंत्री के रूप में उन्होंने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई।
निष्कर्ष
बाबा साहेब का जीवन केवल एक व्यक्ति की कहानी नहीं, बल्कि करोड़ों लोगों की उम्मीदों का प्रतीक है। अंबेडकर जयंती हमें याद दिलाती है कि सामाजिक न्याय, समानता और गरिमा के लिए लड़ाई अब भी जारी है। आज जब हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं, तो उनके सिद्धांतों और आदर्शों को अपने जीवन में अपनाने का संकल्प लेना ही सच्ची श्रद्धांजलि होगी।