HMPV virus in India: चीन के बाद अब भारत पहुच HMPV वायरस, जानिए कितना खतरनाक है यह वायरस

HMPV Virus in India

HMPV virus in India: चीन के बाद अब इसके लक्षण भारत मे भी दिखने लगे है, हाल ही मे  बेंगलुरु के एक अस्पताल में आठ महीने की बच्ची में भी डिटेक्ट किया गया है. भारत मे अब तक इस वायरस के 7 मामले सामने आ चुके है, जो की बहुत ही चिंता जनक बात है।  HMPV क्या है, कैसे फैलता है, लक्षण क्या हैं, इससे कैसे बचा जा सकता है, इन सबके बारे में आर्टिकल में जानेंगे.

क्या है मेटान्यूमोवायरस (HMPV)?

ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो मुख्य रूप से इंसानों को संक्रमित करता है। यह वायरस सबसे पहले 2001 में खोजा गया था, लेकिन वैज्ञानिकों का मानना है कि यह दशकों से मौजूद है और समय-समय पर संक्रमण फैलाता रहा है।

यह वायरस सर्दी, खांसी, बुखार, ब्रोंकाइटिस और निमोनिया जैसी बीमारियों का कारण बन सकता है। छोटे बच्चे, बुजुर्ग और पहले से बीमार लोग इसके अधिक शिकार होते हैं।

HMPV के लक्षण क्या हैं?

HMPV संक्रमण के लक्षण आमतौर पर साधारण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में यह गंभीर हो सकता है।

मुख्य लक्षण:
– नाक बहना या बंद होना
– तेज बुखार और ठंड लगना
– लगातार खांसी और गले में खराश
– सांस लेने में कठिनाई और घरघराहट
– छाती में जकड़न और भारीपन
– थकान और कमजोरी
– ब्रोंकाइटिस और निमोनिया (गंभीर मामलों में)

अगर किसी को लंबे समय तक बुखार, सांस लेने में परेशानी या छाती में दर्द हो रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

HMPV का प्रसार कैसे होता है?

HMPV वायरस इंसानों में एक-दूसरे से फैलता है। यह वायरस मुख्य रूप से **संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से** फैलता है।

संक्रमण फैलने के तरीके:
1. खांसने या छींकने से हवा में वायरस का प्रसार
2. संक्रमित व्यक्ति के स्पर्श से वायरस का फैलना
3. संक्रमित सतहों को छूने के बाद मुंह, नाक या आंखों को छूना
4. संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहना

यह वायरस खासतौर पर सर्दियों और वसंत ऋतु में तेजी से फैलता है, जब लोग घरों और बंद जगहों में अधिक समय बिताते हैं।

HMPV Virus से सबसे अधिक प्रभावित कौन हो सकता है?

हालांकि यह वायरस किसी को भी संक्रमित कर सकता है, लेकिन निम्नलिखित लोगों को इसका अधिक खतरा होता है:

– छोटे बच्चे (5 साल से कम उम्र के)
– बुजुर्ग व्यक्ति (60 साल से अधिक उम्र के)
– कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोग
– फेफड़ों या हृदय संबंधी बीमारी से पीड़ित मरीज
– अस्थमा, डायबिटीज या अन्य पुरानी बीमारियों से ग्रसित लोग

HMPV Virus से बचाव के लिए जरूरी उपाय

HMPV वायरस से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतनी चाहिए।

1. नियमित रूप से हाथ धोएं
– साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
– अगर साबुन उपलब्ध न हो, तो अल्कोहल-आधारित सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

2. संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें
– अगर किसी को खांसी, जुकाम या बुखार है, तो उससे दूरी बनाए रखें।
– सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनें, खासकर बंद जगहों पर।

3. छींकते और खांसते समय सावधानी बरतें
– खांसते या छींकते समय रूमाल या कोहनी का इस्तेमाल करें।
– इस्तेमाल किए गए टिशू को तुरंत कूड़ेदान में फेंकें।

4. आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें
– गंदी या बिना धुली हुई उंगलियों से आंख, नाक और मुंह को न छूएं।

5. घर और आसपास सफाई बनाए रखें
– दरवाजे के हैंडल, मोबाइल, टेबल और अन्य सतहों को साफ करें।
– भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें, खासकर सर्दियों में।

6. प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाएं
– स्वस्थ आहार लें, जिसमें फल, सब्जियां, विटामिन और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो।
– व्यायाम और योग करें, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत हो।
– पर्याप्त नींद लें और तनाव से बचें।

क्या HMPV Virus का कोई इलाज है?

फिलहाल HMPV के लिए कोई विशेष दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। इस वायरस का इलाज आमतौर पर लक्षणों को कम करने और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने पर आधारित होता है।

घरेलू इलाज और देखभाल:
– गर्म पानी और हर्बल चाय का सेवन करें।
– पर्याप्त आराम करें और शरीर को हाइड्रेट रखें।
– गले में खराश होने पर गुनगुने पानी से गरारे करें।
– बुखार और दर्द के लिए डॉक्टर की सलाह से दवा लें।

गंभीर मामलों में, डॉक्टर ऑक्सीजन सपोर्ट या अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दे सकते हैं।

HMPV Virus in India

निष्कर्ष: HMPV Virus in India

मेटान्यूमोवायरस (HMPV) एक श्वसन संक्रमण फैलाने वाला वायरस है, जो मुख्य रूप से खांसी, जुकाम और फेफड़ों के संक्रमण का कारण बनता है।

हालांकि यह वायरस कोविड-19 जितना खतरनाक नहीं है, लेकिन बुजुर्गों, बच्चों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के लिए यह गंभीर हो सकता है।

सावधानी और स्वच्छता अपनाकर इस वायरस से बचा जा सकता है। अगर आपको श्वसन संक्रमण के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें और आवश्यक सावधानियां बरतें।

स्वस्थ रहें, सतर्क रहें!

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